आज रविवार है, काम का अवकाश है, घूमने हम जाएंगे, सैर सपाटा कर आएंगे। आज रविवार है, काम का अवकाश है, घूमने हम जाएंगे, सैर सपाटा कर आएंगे।
तब, मैं और तुम नहीं, अब से हम प्रारंम्भ हुआ। तब, मैं और तुम नहीं, अब से हम प्रारंम्भ हुआ।
नित नई चुनौतियां नित नए आयाम । सरपट भागती ज़िंदगी नहीं कहीं आराम । नित नई चुनौतियां नित नए आयाम । सरपट भागती ज़िंदगी नहीं कहीं आराम ।
हालत कुछ ऐसे हैं मेरे, कि शब्दों मे बयाँ नहीं होते। हालत कुछ ऐसे हैं मेरे, कि शब्दों मे बयाँ नहीं होते।
खुद, इन्सान से बेजान चीज़ बन जाने का, ये कैसा पागलपन ? खुद, इन्सान से बेजान चीज़ बन जाने का, ये कैसा पागलपन ?
सर ए तूर हो सर ए हश्र हो हमे इंतजार कबूल है वोह कभी मिले वोह कहीं मिले वोह कभी सही । सर ए तूर हो सर ए हश्र हो हमे इंतजार कबूल है वोह कभी मिले वोह कहीं मिले वोह क...